खामोश है थोड़ी, शायद कुछ कहना नहीं चाहती शब्द तो पूरे हैं उसके पास मगर कुछ जज़्बातों में फिर बहना नहीं चाहती ये कलम अक्सर मेरी बग़ावत पर उतर आती है कहो कभी लिखने को इसे, तो खामोश हो जाती है क्या कुसूर है मेरा...फिर धीमे से कह जाती है तेरे अश्रुओं से होकर मेरी स्याही बह जाती है तेरे अल्फाज़ो को सुनकर मेरी चीख निकल आती है क्या कुसूर है मेरा...फिर धीमे से कह जाती है चल मैं लिख दूंगी..मैं लिख दूंगी तेरे जज़्बातों को चल मैं लिख दूंगी तेरी सिसकती आवाज़ों को तू बस खामोश रहना मैं सब कह जाउंगी तेरी ज़ुबाँ बन कर तेरा साथ निभाऊंगी #nojoto # pratibhaswriting #yqbaba #yqdidi #youquote #pratibhatomar