शहर हमारा कुछ दिन से खामोश है गुमनाम है, गली गली चौराह में निन्द्य है बदनाम है, शहर हमारा कुछ दिन से बीमार है बेचैन है आँसू तो पूछो कोई उसके गीले उसके दो नैन है, शहर हमारा कुछ दिन से सुलग रहा है नफरत की आग में आओ मिल बुझाएं उस आगको आखिर रहतें इंसान ही न है- इस शहर के हरेक भाग में!! शहर हमारा रंग बदलता लम्हा लम्हा अपने #शहर के बदलते हुए रंगों को अपने शब्दों में ढालें। #collab करें #yqdidi के साथ। #ourcity #letsstaytogether #unitedwestand