मध्यम वर्ग ! आमदनी सिक्के की है, मित्र कहते हैं नोटों से भरा तो तेरा बटुआ है। कहां लूटा दिए पैसा, ऐसा घर के लोग कह देते हैं। जमा जमा कर बैंक में रखते हो, ऐसा रिश्तेदार समझते हैं। लोन , उधारी , ब्याज मेरे ऊपर इतने सारे है, जब हम ऐसा अपनो को कहते हैं , मेरी कीमत 150-200₹ में आंक कर मेरी खुद्दारी को भी नजरों में गिरा कर चले जाते हैं। ©Rahul Raj Renu @rahul_Raj_renu #मध्यमवर्ग