वो वक़्त में कितनी कमियां भरी रही होगी। सामने से वो अलविदा कह गई। आंखें नम थी ख़ामोश था मैं। और वो पल मेरी खामोशी में बदल गई। सोचा रोक लूं उन्हें जाते जाते पर क्या करता उनका मुझसे दूर जाते जाते बस एक याद बन के रह गई। अल्फाजों में उन्हें आज भी बया नहीं कर पाता हूं, सोचता हूं बस अक्सर उन्हें सोचता ही रह जाता हूं। #Rok_nahi_paye #nojoto #nojoto_team #shyari #mahfil_ki_baat #dil_ki_baat