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संग संग चल चल मेंरे सँग सँग रह मेरे सँग सँग, ओढ

संग संग चल


चल  मेंरे सँग सँग
रह मेरे सँग सँग,
ओढ़ा दे अपने नाम की मोहि चुनरियां।

 आ रही याद तुम्हारी
जा रही जान हमारी,
आजा और  बुला दे तू अब मोहि निदियां।

सुन  ले अब पुकार
आओ अब दिलदार,
बुलाती हैं मोरी  तुझको यह पायलियां।

विरह की पीड़ा सुन
कैसी है इसकी धुन,
अपने प्यार में रंग दे तू  मोहि रसियां।

अर्पणा दुबे अनूपपुर।

©arpana dubey
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