इन इमारतो मै हम मानो जैसे गुम से हो गये है ना जी पा रहे है, ना सुकुन से रेह पा रहे है बदलते लोग बहुत कुछ सिखा रहे है हम कमजोर नही है पर सब हमको बना रहे है दिलं की बाते कर ये रोज ही दिलं तोड देते है हर दफा हमें अकेला छोड देते है ©Ashwini wankhade #मेराशहर #लोग akela pan #merasheher