सावन का महीना आते ही जैसे पूरा इश्क़-ए-बाज़ार हरे रंग में नहा गया हो, जहाँ तक नज़र जाता वहां तक सब कुछ हरा, हरे रंग के लहंगे, कानो के झुमके में जड़ी वह हरे रंग के पत्थर, हरी रंग की बिंदीयां और हरी हरी कांच की चूड़ियाँ । पहली दफ़ा किसी चूड़ि की दुकान के सामने से गुजरते वक़्त उसके पैरों की चाल दो पल के लिए ही सही पर थोड़ी धीमी हुई थी, इससे पहले उसे चूड़ियों से लगाओ जो नहीं हुआ था पर आज उसकी आँखों में उन चूड़ियों के लिए पहली बार चाहत देख उसकी कलाई को यूँही इश्क़-ए-बाज़ार से कैसे सूना जाने दे सकता था । मैंने उसके कलाई में एक दर्जन वही चमकती हरी चूड़ियाँ पहनाते हुए कहा , सुना है हरे रंग की चूड़ियाँ शुभ मानी जाती है और अभी तो सावन का पहला हफ्ता ही गुजरा है और अभी शेष तीन हफ़तें बाकि है तो क्यों ना बाकि के ये तीन हफ़्तों को ही शुभ बनाए। Extract: इश्क़-ए-बाज़ार ©RKRAHULRAJAK, 2018 #gif From an Extract:- "इश्क़-ए-बाज़ार" (@Rkrahulrajak) #nojotowriter #nojototales #nojotostory #nojotostorytelling #rkrahulrajak #kalakaksh #kavisala #storytelling #bangles #sawaan #सावन #extract #ishqebazaar अद्विका(Meri dairy mere ehsaas )