//वज़ह// ऐ दोस्त! वज़ह तो बहुत थी जीने की, मगर तूने उस एक मरने की वज़ह को क्यों चुना! वज़ह तो बहुत थी ख़ुश रहने की, मगर तूने उस एक ग़म की वज़ह को क्यों चुना! आख़िर किस वज़ह से तेरा शांत मन यूँ मचल गया, था कौन सा तूफान, जो तेरे ख़्वाबों को कुचल गया। आख़िर क्या हुई ऐसी बात, जो तू इतना बदल गया, कहाँ गया वो जोश, जो तेरे दिल से अब निकल गया। मत रूठ जग से, तेरे ख़फ़ा होने पर कोई न मनाएगा, ग़र रूठा इस जग से तू, अपनी पहचान कैसे बनाएगा। बढ़ा आत्मविश्वास, तभी तो अपने डर को तू हराएगा, कर फिर से मेहनत, तभी मुक़ाम हासिल कर पाएगा। #शब्दों_की_माला #भावनाओं_की_स्याही #वज़ह #yourquotebaba #yqquotes #profoundwriters Collaborating with PROFOUND WRITERS💎 #tishiyapa