गम अपना कोई फसाना नहीं जो तूझसे कहूं दिल भी नहीं मानता क्या तुझसे कहूं फकत एक तू ही नहीं जिस से नहीं मिलता मैं मेरा कहीं और भी आना जाना नहीं क्या तुझसे कहूं क्यूं हूं मैं ऐसा वजह क्या है मैंने खुद भी जाना नहीं की तुझसे कहूं मुझे लगता है मैं खो जाऊंगा यूंही कहीं गुमनामियों में अपना कोई ठिकाना नहीं क्या तुझसे कहूं ©Nikhil Kumar #feelings #yun_hi