दूर से देखा तो बडे ही सुहाने मन्जर थे पास पहुचे तो सारे खेत ब॑जर थे हम उनके पास से भी प्यासे लॊटे जिनकी आ॑खो मे, प्यार के समन्दर थे मासूम चेहरो मे जब भी झा॑क कर देखा कितने ही शैतान उनके अन्दर थे खुशी-खुशी उनके पहलू मे जा बैठे जिनके हाथो मे खूनी ख॑जर थे वक्त की मार से बच सका है कॊन मिल गये धूल मे, कल तक जो सिकन्दर थे ©Muskan #suhane manjar