कितनी ही कोशिश कर लो। आप मुझे रोक नहीं पाओगे। हजारों पत्थर फेंको! कितने ही टोको? पर मेरी राह मोड नहीं पाओगे। मैं निकल चला हूँ जिस राह पर , तुम झुंड में रहोगे और मुझे तनहा ही पाओगे । इस हथेली को समेटकर मुठ्ठी बनानी है और हथेली खुलेगी तो पूरा आसमान पाओंगे । ये चाँद सितारे ही नहीं मेरी भूख में सूरज भी पाओंगे । कितनी ही कोशिश कर लो। आप मुझे रोक नहीं पाओगे। तनहा शायर हूँ - यश .x ©Tanha Shayar hu Yash #Hum_Tum #tanhashayarhu #tanhashayari #TANHAPOEM #tanhakavita #Yashpalsejwal