धर्म के नाम पे एक दूसरे को काटोगे।। इस भारत को कितने हिस्सों में बटोगें।। ---------------------------------------- साथ बहा खून जो सबका आजादी में।। इस मिट्टी वो खून की बूंदों को छटोंगे।। ----------------------------------------- है एक हवा में सांस हर मजहब की।। क्या अब इस बहती हवा को बटोंगे।। ---------------------------------------- है एक सूरज उजाला हम सबका।। अब इन नभ के तारों को बटोंगे।। ©Satyarth Jalalabadi #gazal #shayri #akorsh #Hindi #ninda #baarish