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कवि नितेश उपाध्याय अतिशीघ्र (नवीन कविता उर्दू हिंद

कवि नितेश उपाध्याय अतिशीघ्र
(नवीन कविता उर्दू हिंदी समावेश)

*प्रेम में मेरी बदलती कहानी सुनो
गिर के संभला हूँ मेरी रवानी सुनो
होश ना ही रहा अब तो मेरा कही
 तुम भी मेरी उमड़ती जवानी सुनो।

* डर था मुझको न होगी मुलाकात का
मेरा तुझमे निहित होश इस बात का
मैंने चूमा था मस्तक पर तेरे कभी
अधरोंपल्लव गवाह मेरे जज्बात का 

* रोके तेरी भी आँख पिघल जायेगी
लगा मुझको भी ये शाम ,ढल जायेगी
पोंछ आंसू मेरे फिर यूँ उसने कहा
तस्वीर दिल में तेरे मेरी गल जायेगी।

* गजब था आना तेरा मेरे दिल में कभी
भाग्य तेरा लिखा हस्ते-तिल में कभी
मुस्कराना तेरा मेरी तकदीर है
उकरी मूरत तेरी दृष्टी शिल में कभी।

कवि नितेश उपाध्याय अतिशीघ्र #अतिशीघ्र
कवि नितेश उपाध्याय अतिशीघ्र
(नवीन कविता उर्दू हिंदी समावेश)

*प्रेम में मेरी बदलती कहानी सुनो
गिर के संभला हूँ मेरी रवानी सुनो
होश ना ही रहा अब तो मेरा कही
 तुम भी मेरी उमड़ती जवानी सुनो।

* डर था मुझको न होगी मुलाकात का
मेरा तुझमे निहित होश इस बात का
मैंने चूमा था मस्तक पर तेरे कभी
अधरोंपल्लव गवाह मेरे जज्बात का 

* रोके तेरी भी आँख पिघल जायेगी
लगा मुझको भी ये शाम ,ढल जायेगी
पोंछ आंसू मेरे फिर यूँ उसने कहा
तस्वीर दिल में तेरे मेरी गल जायेगी।

* गजब था आना तेरा मेरे दिल में कभी
भाग्य तेरा लिखा हस्ते-तिल में कभी
मुस्कराना तेरा मेरी तकदीर है
उकरी मूरत तेरी दृष्टी शिल में कभी।

कवि नितेश उपाध्याय अतिशीघ्र #अतिशीघ्र