उन बहती वादीयों में कुछ, ठहरा हुआ सा लगने लगा है! उस गुलाब की पंखुड़ी को देख, दिल कुछ मचलने सा लगा है! उन महकती फिजाओं को देख, मन यूँ बहकने सा लगा है! कहना तो नहीं चाहती,पर शायद मुझे धीमे धीमे इश्क़ होने लगा है! 😌😌 Shayad mujhe Dhime Dhime Ishq hone laga hai