#OpenPoetry जब धर्म को बचाया जा रहा होगा, किसी को पानी बचाना होगा। दुनिया को जब रंग, नस्ल, ज़ात में बाँटा जा रहा होगा, किसी को तय करना होगा कि पेड़ ना काटा जाए। जब अपने-अपने ईश्वर द्वारा रचित पवित्र किताबों को महफूज़ रखा जाएगा, किसी को तय करना होगा कि ये ज़मीन महफूज़ रखी जा सके। जब नए-नए नियम कायदों का पोंछा मारकर समाज को शुद्ध किया जा रहा होगा, किसी को तय करना है कि हवा में घुलता ज़हर कुछ कम हो। मेरे दौर के विद्यार्थियों ! अगर हज़ारों सालों की हमारी सभ्यता हमारा शोध, समाज, तकनीक, विज्ञान ये तय ना कर सके कि आने वाला कल सुरक्षित है या नहीं तो जला डालो ये सारी किताबें और इनसे रोशन करो एक मशाल समाज और सभ्यता के इन ठेकेदारों के खिलाफ़। सनद रहे!! हमारी आने वाली नस्लें धर्म, ज़ात, संस्कार के बगैर रह सकती है मगर हवा, पानी, ज़मीन के बगैर जी भी नहीं सकती। A message to society : कविता : किसी को तय करना होगा !! #OpenPoetry #poetry #hindikavita #freewordpoetry #poetrywithpurpose #muktchhand #nojotohindi #hindinojoto #quotes #life #philosophy #love