सूरज तो फीका पड़ने लगा दिन में जो अंधेरा हो गया अभी तक चांद में दाग ही था अब वो भी पूरा काला पड़ गया इंसान - इंसानियत कहते कहते लोगों का कलेजा बैठ गया सुबह कुछ पल सब अच्छा था शाम होते जुर्म दिलों में सबके बैठ गया नरक का कोई पता दो उसे वो शमशान और कब्र का डर दिखाते दिखाते मर गया ये सब कहने की बातें हैं जिंदगी और मौत सबकी है गरीब लाचार बेबस मौत से पहले ही क्यूं मर गया ये जो कहते हैं कि कुछ अच्छे लोग आज भी जिंदा हैं अरे ऊपरी परत तो हटाओ अपनी रूह से देखो कौन कितना बड़ा दरिंदा है ये जो कहते हैं यहां देखो अच्छा है वहां देखो अच्छा है कैसे समझाऊं इन पागलों को जिनका दिमाग अभी बच्चा है ये जो दुनिया को दिखाने के लिए गरीबों की भलाई का तमाशा करते हो इन अंधे बहरे लोगों को सब पता है अख़बारों में ना छपाओ तो अच्छा है। ✍️©Sabka Suraj - सबका सूरज #Nojoto #Sabkasuraj