किसी पर किसी के दिल का आ जाना कोई इत्तेफाक नहीं होता है, यह प्यार का मौसम होता है कभी किसी से पूछ कर नहीं आता है। कभी किसी की सूरत पर तो कभी सीरत पर दिल दीवाना हो जाता है, दिल दिल होता है किसी की मर्जी से किसी के दिल को नहीं भाता है। जब प्यार किसी से होता है तो फिर दिल पर जोर नहीं चल पाता है, दिल किसी भी धर्म-मजहब और जात-पात को कहांँ समझ पाता है। किसी के चाहने न चाहने से कभी भी किसी से प्यार होता नहीं है, प्यार दिल से दिल का सौदा है जिसको होना होता है हो जाता है। प्यार इश्क प्यार खुदा है प्यार जमाने की हर बंदिश से जुदा होता है, यह खुदा का वो नूर है जिसे खुदा भी किसी-किसी पर बरसाता है। ♥️ Challenge-603 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।