करनी हैं तैयारियां बोहोत, कुछ उनको बताने के लिए, आ रही है आखिर शाम वो, हाल ए दिल सुनाने के लिए। धीरे से ऐ चांद तू, बड़ आसमां की ओर, सोचने हैं अभी बहाने कई, उन्हें अपना बनाने के लिए।। कशमकश दिल में जोरों शोरों से, मचा रही है खलबली, कैसे बुझेगी आग, जो ज़हन में आ जली। दबा दें या हवा करें, इश्क की चिंगारियों को ऐ परवरदिगार, कैसे हालात में आ फंस गए, कैसा आलम है ये दलदली। आजमाने हैं तरीके सही, दिल उनका चुराने के लिए, सोचने हैं अभी बहाने कई, उन्हें अपना बनाने के लिए।। संजीदा सूरत ए हाल हैं, बहक जाने का है डर हमें, कहीं खोदें ना हम अपने आप को, कहीं खोदें ना वो उन्हें। आगोश में छिपा के उनको, बसा लूं मैं, मुझमें कहीं, यूॅं खो जाएं हम एक दूसरे में, कोई दिन ही ना हम गिने। रचानी हैं कहानियां कई, ख्याल अपना बताने के लिए, सोचने हैं अभी बहाने कई, उन्हें अपना बनाने के लिए।। धीरे से ऐ चांद तू, बड़ आसमां की ओर, सोचने हैं अभी बहाने कई, उन्हें अपना बनाने के लिए।। ©Rahul Kaushik #Shaayavita #chaand #propose #izhaar #izhaareishq #Izhaar–e–mohabbat #izhaarkaruntokaise #SuperBloodMoon