मकान मेरा छोटा था पर ख्वाब मेरे बड़े थे छोटे घर की छत से सितारें नजर आते थे राह मेरी मुश्किल थी पर आसमान मेरी मंजिल थी लेकिन आँधी से जो डारे वो परिंदा नही हूँ मैं अपनी उड़ान हौसलो से भर रहा हूँ जो किसी और ने किया वो क्यों दोहराया जाये जिसे किसी ने सोचा तक नही वो क्यों न कर कर देखा जाये मिसाल देने से बेहतर हैं मिसाल बनो ये बात मैं दावे से कह सकता हूँ की मुझसा न कोई हैं और न होंगा और ये बात भी मैं दावे से कह सकता हूँ की आप सा न कोई हैं और न होंगा सोचों