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जान से जादा चाहा था उसको खुद से जादा माना था उसको

जान से जादा चाहा था उसको
खुद से जादा माना था उसको
याद आते ह अब वो पल
जब हम रहे थे मिलकर
आती है अब वो यारो में
इन तन्हा बरसाती में
ना जाने किस बात की हमने सजा पाई
क्यों हमें मिली है ये तन्हाई
जान से जादा चाहा था उसको
खुद से जादा माना था उसको
याद आते ह अब वो पल
जब हम रहे थे मिलकर
आती है अब वो यारो में
इन तन्हा बरसाती में
ना जाने किस बात की हमने सजा पाई
क्यों हमें मिली है ये तन्हाई
tarunrajput4069

Tarun Rajput

New Creator