कब तक तवज्जो देते रहोगे तुम यूँ ही उन चार लोगों को, उन "चार" लोगों की होती हैं वही गिनी चुनी "चार" बातें । कब तक करते रहोगे चोटिल ख़ुद के आत्मसम्मान को, अब तो देना सीख लो ख़ुद को हौसलों की सौगातें । कब तक कैद रखोगे यूँ चहारदीवारी के भीतर ख़ुद को, तोड़ दो सारी बंदिशें कर लो सफलता से मुलाकातें । मुलाकातें ऐसी कि फ़क्र हो तुम्हारे जहां और आसमां को, आखिर दिखानी जो है कुछ लोगों को उनकी औक़ातें । दकियानूसी बातों में ही कट जाने दो लोगों के जीवन को, ख़ुद को परे रखो ऐसे लोगों से बरत कर चंद एहतियातें। इस क़दर झोंक दो कड़ी मेहनत की आग में ख़ुद को, कि छँट जाएं तुम्हारे सिर से वो सभी दुखों की काली रातें। Let them say what they are saying... Keep doing what you are doing🤞👍✌️ #yqdidi #yqhindi #siहिंदी #sublimeinscriptions