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लफ़्ज कभी समशेर, कभी चाहत, कभी जिंदगाणी बने कभी इश

लफ़्ज कभी समशेर, कभी चाहत, कभी जिंदगाणी बने
कभी इश्क़, कभी दरिया, कभी फ़लक, कभी पाणी बने

गुलज़ार की कलम से डायरी के पन्ने भी महकने लगे है
उनके इक इक अल्फ़ाज से ख्वाँब जैसे आबादाणी बने आज मशहूर शायर, गीतकार व निर्देशक गुलज़ार साहब का जन्मदिन है। योरकोट परिवार की ओर से उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ। 
हम सभी लिखने वालों को गुलज़ार साहब के लेखन ने किसी न किसी तरह प्रभावित ज़रूर किया है। फिर चाहे वह उनके गीत हों, उनकी फ़िल्में हों अथवा उनकी कहानियाँ। ज़िन्दगी को बड़े क़रीब से छुआ है उन्होंने। 
#ज़िन्दगीगुलज़ारहै #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
लफ़्ज कभी समशेर, कभी चाहत, कभी जिंदगाणी बने
कभी इश्क़, कभी दरिया, कभी फ़लक, कभी पाणी बने

गुलज़ार की कलम से डायरी के पन्ने भी महकने लगे है
उनके इक इक अल्फ़ाज से ख्वाँब जैसे आबादाणी बने आज मशहूर शायर, गीतकार व निर्देशक गुलज़ार साहब का जन्मदिन है। योरकोट परिवार की ओर से उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ। 
हम सभी लिखने वालों को गुलज़ार साहब के लेखन ने किसी न किसी तरह प्रभावित ज़रूर किया है। फिर चाहे वह उनके गीत हों, उनकी फ़िल्में हों अथवा उनकी कहानियाँ। ज़िन्दगी को बड़े क़रीब से छुआ है उन्होंने। 
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