बट जाता है दर्द भी संग उनके, खुशियाँ लौट कर आँगन मेें आती है मन मेें उपजी पीड़ा क्षीण पल में मन में आनंद की हिलोरें आती है!! साथ ऐसा जैसे सागर और नीर का प्यार ऐसा जैसे जल और मीन का दोस्त बंध आँखों की रोशनी है बिन दोस्त क्या यह ज़िंदगी है!!! ♥️ दोस्तों के साथ ♥️ #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ अपने मित्रों के साथ कोलाब करें। ♥️ कोलाब करने के बाद "Done" काॅमेंट करें।