“ज़िन्दगी ख़ूबसूरत नेमत ईश्वर की" अनुशीर्षक में;//👇👇 कौन नहीं है अपने जीवन से हैरान परेशान। इसका मतलब यह नहीं कि हमारी रूह तड़पे पाने को मृत्यु का सामान। दुनिया और दुनियादारी के चक्कर में बन जाते हैं हम नादान। क्यूँ नहीं समझते हम जीवन ईश्वर का दिया हुआ नेमत आशीर्वाद और वरदान। यह नहीं समझते हैं जीवन कितना है अनमोल इसका कोई नहीं मोल। अहोभाग्य हमारे जो इस धरती पर मानव तन पायो। स्वयं को ही भूल कर ख़ुद को तकलीफ़ पहुंँचाते। ख़ुद को भुला कर अपनी ख़ूबसूरत ज़िन्दगी को समाप्त करना चाहते। ये मेज़ ये रस्सी ये फाँसी का फंदा खींचता अपनी ओर।