मैं तन्हा ही टकरा लूंगी पर्वतों से, मंजिले पाने को। तुम कारवां क़ाफ़िले जमाते रहो, मेरी मय्यित उठाने को। जानती हूँ वक्त बदल ही जायगा, जिस दिन मेरी फ़तह का झंडा लहराएगा। ©Monika balli #Travelstories #DreamsWillComeTrue