क्यों जागता रहता हूँ,मैं यूँ ही ,भागता रहता हूँ ,मैं मंज़िलें है.....बेख़बर क्यों सफर को ताकता हूं ,मैं रात का बन हमकदम क्यों जागता रहता हूँ,मैं यूँ ही.....भागता रहता हूँ,मैं🙂 #पारस #रात #सफर #ज़िन्दगी