छोटा सा गाँव मेरा पूरा बिग बाजार था... एक नाई, एक मोची,एक काला लुहार था.. छोटे छोटे घर थे,हर आदमी बङा दिलदार था.. कही भी रोटी खा लेते,हर घर मे भोजऩ तैयार था.. दो मिऩट की मैगी ना,झटपट दलिया तैयार था.. नीम की निम्बोली और शहतुत सदाबहार था.. छोटा सा गाँव मेरा पूरा बिग बाजार था.. अपना घड़ा कस के बजा लेते.. समारू पूरा संगीतकार था.. और फिर कबड्डी खेल लेते,हमे कहाँ क्रिकेट का खुमार था.. दादी की कहानी सुन लेते,कहाँ टेलीविज़न और अखबार था.. भाई -भाई को देख के खुश था,सभी लोगों मे बहुत प्यार था.. छोटा सा गाँव मेरा पूरा बिग बाजार था.....!! छोटा सा गाँव मेरा पूरा बिग बाजार था... एक नाई, एक मोची,एक काला लुहार था.. छोटे छोटे घर थे,हर आदमी बङा दिलदार था.. कही भी रोटी खा लेते,हर घर मे भोजऩ तैयार था.. दो मिऩट की मैगी ना,झटपट दलिया तैयार था.. नीम की निम्बोली और शहतुत सदाबहार था.. छोटा सा गाँव मेरा पूरा बिग बाजार था..