जाने कैसा कहर जाने कैसे रूप रूप धर कर मानव जीवन को लील रहा,कभी कोरोना की पहली लहर तो कभी दूसरी लहर तो कभी ओमिक्राॅन नाम का ज़हर हवा में धीरे-धीरे है घुल रहा,पता नहीं इस धरती पर ही क्यों ऐसा विकट संकट छाया है, परिवार के परिवार खत्म हो रहे जाने कैसी इसकी लीला है,जरा सी तबियत बिगड़े तो कोरोना रूप धरकर मानव जाति को चपेट में अपनी ले लेता है,इससे सामना करने के लिए तैयारी है सम्पूर्ण फिर भी कहर है क्यों इतना बरपा रहा,सुरक्षा कवच वैक्सीन रूप में भी है तैयार जाने क्यों इसे लगवाने से व्यक्ति इतना घबरा रहा,न करना वैक्सीन को नजरअंदाज लगवाकर सभी सुरक्षित कर लो खुद को और अपने परिवार को,बची रहे हर घर की खुशहाली चलाकर एक अभियान सभी को जागरूक करें, जीवन है अनमोल सभी का अपना कर स्वच्छता का उपाय, वैक्सीन रूपी सुरक्षाकवच लगवाकर अपना और अपने परिवार का जीवन सुरक्षित करें,और वैक्सीन लगवाने को जन जन तक वैक्सीन लगवाओ की ओर अग्रसर करें, #tarunasharma0004 #trendingquotes #hindipoetry #yourquotedidi