तुम शबनम की बूँदों से,मैं भोर सुहानी सी, तुम हो मेरी कविता,तुम में नज़र आती मैं कहानी सी। तुम नजरों से करो घायल,मैं तुम पर हुई दिवानी सी, मैं गली से तुम्हारी गुज़री तो लगा गली में मेरी कहानी हैं मेरा दिन गुज़रे तुम बिन,तो गली में लाते तुम शाम सुहानी, तुम देखते ही मैं खो जाती,मेरी नज़रें कहे कहानी सी। Challenge-161 #collabwithकोराकाग़ज़ आज कोराकाग़ज़ समूह एक बार फिर चार लेखकों के कोलाब करने योग्य प्रतियोगिता लेकर आया है जिसका नाम है "हम आपके हैं कौन?" तो कोलाब करिए इस ख़ूबसूरत चित्र पर। विषय और शब्द आपकी इच्छानुसार आप चुन सकते हैं। ध्यान रहे आप चाहें जितने भी कोलाब करें परन्तु काॅमेंट अंतिम लेखक ही करे और एक बार ही करे। ऐसा करने से समूह को आपकी रचनाएँ पढ़ने में समस्या नहीं होती। काॅमेंट कैसे करना है वह नीचे दिया गया है। हम आपके हैं कौन? 1- 2- 3-