हो जाऊगा कुछ मै भी हल्का कर गुफ्तगू तुमसे, की बोझ तुम्हारे ही कन्धों का कुछ कम होगा.. वरना मैयत का मैरी तुम बोझ ना उठा पाओगे, कि ना जानें कब ये ख़ाकसार खाक हो जायेगा... ♥️ Challenge-684 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।