सुर नर मुनि सब कै यह रीती। स्वारथ लागि करहिं सब प्रीती। देवता आदमी मुनि सबकी यही रीति है कि सब अपने स्वार्थपूर्ति हेतु ही प्रेम करते हैं। तुलसीदास । Hightech Hindi