सुबह शाम रातो दिन, आठो पहर सातो दिन। यादों में ही खोये रहना तुम्हारे काम है हमारा॥ तुम्हें क्या पता तुम हमारे लिए क्या क्या हो, सांस हो, ख़्वाब हो, क़िताब हो, आरज़ू हो, रूह हो, जमाना हो, खज़ाना हो, प्रेरणा हो, मंजिल हो और क्या कहूँ बस यूं समझ लो सब कुछ हो॥ और तुम्हे पता भी नहीं😊 ©Rizwan Ahamad Faizi सुबह शाम रातो दिन, आठो पहर सातो दिन। यादों में ही खोये रहना तुम्हारे काम है हमारा॥ तुम्हें क्या पता तुम हमारे लिए क्या क्या हो, सांस हो, #ख़्वाब हो, #क़िताब हो, #आरज़ू हो, #रूह हो, #जमाना हो, #खज़ाना हो, #प्रेरणा हो, #मंजिल हो और क्या कहूँ बस यूं समझ लो सब कुछ हो॥ और तुम्हे पता भी नहीं😊 #Love #moonlight