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बंद कमरों में बड़े बड़े फैसले लिए जा रहे हैं जनाब।

बंद कमरों में बड़े बड़े फैसले लिए जा रहे हैं जनाब।।

 हम अभी भी टूटे नहीं और हमें तोड़ने के,
पैंतरे आजमाएं जा रहे हैं जनाब।।

सुख की घड़ी आई नहीं दुखों के,
गीत गाए जा रहे हैं जनाब।

पीठ पीछे गाली देकर,
मेरे सामने रिश्ते निभाए जा रहे हैं जनाब।।

बंद कमरों में बड़े बड़े फैसले लिए जा रहे हैं जनाब।।

k.st

©Prakhar Tiwari #City बंद कमरों में बड़े बड़े फैसले लिए जा रहे हैं जनाब।।

 हम अभी भी टूटे नहीं और हमें तोड़ने के,
पैंतरे आजमाएं जा रहे हैं जनाब।।

सुख की घड़ी आई नहीं दुखों के,
गीत गाए जा रहे हैं जनाब।
बंद कमरों में बड़े बड़े फैसले लिए जा रहे हैं जनाब।।

 हम अभी भी टूटे नहीं और हमें तोड़ने के,
पैंतरे आजमाएं जा रहे हैं जनाब।।

सुख की घड़ी आई नहीं दुखों के,
गीत गाए जा रहे हैं जनाब।

पीठ पीछे गाली देकर,
मेरे सामने रिश्ते निभाए जा रहे हैं जनाब।।

बंद कमरों में बड़े बड़े फैसले लिए जा रहे हैं जनाब।।

k.st

©Prakhar Tiwari #City बंद कमरों में बड़े बड़े फैसले लिए जा रहे हैं जनाब।।

 हम अभी भी टूटे नहीं और हमें तोड़ने के,
पैंतरे आजमाएं जा रहे हैं जनाब।।

सुख की घड़ी आई नहीं दुखों के,
गीत गाए जा रहे हैं जनाब।