लिख कर गुजरेंगे कुछ ऐसा, की तेरे लिए शेर होगा तुम बैठोगे शायरो की महफिल में, वहां भी हमारा ही जिक्र होगा ।। और तुम ढूढते रहोगे, हमें प्यासी निगाहों से लेकिन तुम्हारी खुद की कब्र में ही, हमारा मुकाम होगा ।। कुमार धीरज – ©kumar dheeraj #unexpectedstory nazm, kumar dheeraj –