दबती हुई आवाज़ों में एक उठता सवाल हूँ ऐ जालिम तू देख मैं तेरा ज्वाल हूँ यू तो हमने सुनी है जुल्म की दास्तां कि था कोई और जो खुद को खुदा बताता था खुदाई के नाम पर लोगो को बहुत सताता था ताकत के नशे में वो अपने चूर रहता था और बड़ाई में वो मगरूर रहता था फिर एक दिन उस पर खुदा का कहर बरसा मरने से पहले वो घड़ी घड़ी तड़पा रूह खींच ली और जिस्म उसका छोड़ दिया और तक़बूर को उसके एक लम्हे में तोड़ दिया जिसने उस तक़बूर की रखी मिसाल वो मिश्र में है मैं उसी खुदा का मौजजार मैं उसी खुदा का कमाल हूँ ए जालिम तू देख मैं तेरा ज्वाल हूँ।। यू तो तुमने सुनी होगी रावण की कहानी कभी किताबो में लिखी कभी लोगो की जुबानी कि नियत में था जिसके खोट और बुरा था मनसूबा और अहंकार ही था जिसे उसे वो ले डूबा तक़बूर में था उसको एक वार में चूर किया अंधेरा मिटा कर चारो तरफ नूर किया मैं राम हूं मैं उम्मीद की जलती मसाल हूँ ए जालिम तू देख मैं तेरा ज्वाल हूँ।। #pnphhhsemif1 #pnphindi #pnphindihaihum #pnpvyanga #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales