जब बुलाते हैं, मेरे बाबा भोले भंडारी डमरू वाले महादेव निजधाम। तभी मन में आता है बनाने को, पावन अमरनाथ की यात्रा का प्रोग्राम। उबड़ खाबड़ से बर्फीले रास्ते पर होता है, पग- पग पर सारा इंतजाम। पहुंच जाते हैं बर्फानी बाबा के दर्शन करने, लेते- लेते शिव शंभू का नाम। मन में श्रद्धा और विश्वास की जलाकर ज्योत,चलते जाते कैलाश,ना लेते विश्राम। जांबाज सिपाही सदा साथ निभाते,बढ़ाते हौसला,करते श्रद्धा व हिम्मत से काम। #sanjaysheoran #ritiksheoran #साहित्यिक सहायक #अमरनाथ की यात्रा