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साँसें बहकी . तन बदन में कैसा ख़ुमार हो गया जुबाँ ख़

साँसें बहकी . तन बदन में कैसा ख़ुमार हो गया
जुबाँ ख़ामोश रही  निग़ाहों से  इक़रार हो गया
ख़ुद  से  ही  होने  लगा  हूँ  अब  दूर  या  रब्बा
दिल पर मेरे किसी और का इख़्तियार हो गया.

                ©कुमार मलय

©malay_28 #इख़्तियार
साँसें बहकी . तन बदन में कैसा ख़ुमार हो गया
जुबाँ ख़ामोश रही  निग़ाहों से  इक़रार हो गया
ख़ुद  से  ही  होने  लगा  हूँ  अब  दूर  या  रब्बा
दिल पर मेरे किसी और का इख़्तियार हो गया.

                ©कुमार मलय

©malay_28 #इख़्तियार
malay285956

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