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आहट मेरे कान तो तेरी एक आहट सुनने को तरसते हैं आज

आहट मेरे कान तो तेरी एक आहट सुनने को तरसते हैं 
आजकल तो बादल भी बिन मौसम बरसते हैं। #intzaar#badalokabarsna
आहट मेरे कान तो तेरी एक आहट सुनने को तरसते हैं 
आजकल तो बादल भी बिन मौसम बरसते हैं। #intzaar#badalokabarsna