रोज़ रोज़ कुछ कहने को अल्फ़ाज़ कहां से लाऊं ? बड़ा बेदिल- सा बना दिया है इस दुनिया के रिवाज़ों ने तुम्हे तुम्हारी संगदिली को चीर दे जो वो साज़ कहां से लाऊं ? लफ्ज़ तो खैर मिल ही जाते हैं राह में यूं ही बिखरे हुए तुम्हारे दिल तक पहुंच सकें जो वो आवाज़ कहां से लाऊं ? #अल्फ़ाज़ #Words #LossOfWords #Feelings #Emotions