मेरा हार जाने को जी चाहता था तेरी जीतने की कोशिश अधूरी थी तब्दीली क्यों आई आखिर दरमियान इस चाहत में नियत अच्छी जरूरी थी तूने पढ़ी हो जैसे उर्दू हड़बड़ाहट में इसे पढ़ने को यार तबियत जरूरी थी मेरा रूठना भी रूठ जाना चाहता था सामने से तेरी भी मुस्कुराहट जरूरी थी मेरा हार जाने को जी चाहता था तेरी जीतने की कोशिश अधूरी थी ।। #MadhuChauhan🖤✍️ #MySun