मैं तेरी पलकों पे पक्की मेढ़ बाँधने आया हूँ। बीज ख़्वाबों के,आँखों में,फिरसे बोने आया हूँ. दिल के तेरे खेतों का अधिया मुझको दे देना कुछ ना देना यकीन का बस, हल तू मुझको दे देना बीज तो लाया हूँ,संग अपने। । कीट क्या इनको खाते हैं ? हर चिंता,हर दुविधा के कीट हैं क्या-क्या कह देना ; मैं दवा "साथ" की , कीट और हर खरपतवार की लाया हूँ.. मैं रूखे चेहरे पे मुस्कां की फसलें लहराने आया हूँ . मैं तेरी पलकों पे पक्की मेढ़ बाँधने आया हूँ। बीज ख़्वाबों के आँखों में फिरसे बोने आया हूँ. #NojotoBalaghat #writtenbyme #sanghadeepgajbhiye #writer #poet #love #poem #hindi #kavita #hindiwriters #poetrylover #poetscommunity #propose #ishq #truelove