झूठ नहीं होती, वक्त की स्याही से लिखी इबारत,, कोई गिड़गिड़ा ले कितना भी, वक्त लेता नहीं इजाजत,, जो है, जैसा है, वक्त गुजर ही जायेगा,,, न ठहरा है, न ठहरेगा, कितनी ही करो इबादत,,, ♥️ Challenge-918 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।