क्या हुआ अगर वो सत्ताधीशों का विरोधी है क्या हुआ अगर वो उनकी मंसूबों का अवरोधि है तो क्या मैं उसे काफ़िर समझ लुं ? क्या हुआ अगर वो हमसे पहनावे में अलग है तो क्या में उसे मुहाजिर समझ लूं? - आयुष सिंह #mushlim #poetry #poet #poems #thought #India #secular #secularism #indian