हाय रे नियती ये कैसा खेल रचाया, राजा हो या फ़क़ीर ,हो चाहे गरीब। कफन भी छीन लिया तन से, जैसा आया था जगत में, वैसे ही पास बुलाया।। कविता जयेश पनोत ©Kavita jayesh Panot #कोरोना#नियती#जन्म#मृत्यु