मेरे प्यारे दादी बाबा समझ नहीं पाती हूं आपके लिए क्या लिख दूं क्या कह दूं आपको कैसे परिभाषित कर दूं जिस तरह पूरी करते रहे हर कामना जी करता है कल्पबृक्ष कह दूं बचाया है आपने जिस तरह हर मुश्किल से पापा की डांट और मां के गुस्से से छिपा लेते थे अपने पीछे हर शरारत के बाद जी करता है आपको, अपनी ढाल कह दूं शेष कैप्शन में ज़रूर पढ़ें ©Rakhee ki kalam se #dadadadikapyar #बुजुर्गों_का_आशीष #Love #feelings #memoriesforever #blessings #Nojoto #bestpoetry