वतन परस्ती नहीं है सस्ती चुकानी पड़ती लहू से क़ीमत। ये बस उन्हें ही है रास आती वतन ही जिनकी हयात-ओ-ज़ीनत। Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "वतन-परस्ती" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial दिया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।