बचते गये गुनाह और आवारगी से हम मुझको दुआ मिली है मेरे वालिदैन की महरूम क्यु रहे यहा थोड़ी खुशी से हम मुझको नमाज़ो की मिली तौफिक इस कदर जायेंगे मस्जिदों मे अब रब की खुशी से हम हम उनसे दूर हो गए वो हमसे दूर है अंजान वो बने तो कुछ बेगानगी से हम आइए कुछ लिखते हैं। मेरी पंक्ति के साथ अपनी पंक्तियाँ जोड़ें... ( ग़ज़ल ) #yqsayyed #ग़ज़ल #ग़ज़ल_अभ्यास #निदाफ़ाज़ली #yqdidi #yqbaba #collabwith_निदाफ़ाज़ली #YourQuoteAndMine Collaborating with Nida Fazli