दोस्ती गहरी हो पाती उससे पहले स्कूल और शहर बदल जाया करता था फिर भी इतने स्कलों के बीच पटना का रविन्द्र बालिका बहुत याद आता है स्कूल की यादों में शहर संस्मरण सा बसा है। दशकों में शहर कितना बदल गया है पर यादों में अब भी नया है नाला रोड से कदमकुआं तक का सफर हुआ करता था बारिश के जल जमाव में जूते बह जाने पर भी सब्र हुआ करता था बुद्धमार्ग में विंध्यवासिनी देवी बुलातीं थी कुछेक कथक की मुद्राएँ सिखाती थी छोटी उम्र में भी ब्रम्ह कुमारी संस्थान की स्वर्ग नरक की झांकियां अद्भुत आनंद दिलाती थीं आज भी वो यादें रोमांच को उकसाती हैं । प्रीति.💝💝💝 #schooldaysmemory #thanq Rishikesh Mahanta here I am with my150'th quote.sorry for being late.