जब यौवन घनघोर निराशाओं में डूबा रहता है| दफ्तर के चक्कर दुनिया के ताने सहता रहता है|| कोई युवा बेवशी में जब राह भटकने लगता है| तब कवि हृदय हुकूमत के प्रति जहर उगलने लगता है|| ©कवि मनोज कुमार मंजू #यौवन #निराशा #दफ्तर #दुनिया #ताने #युवा #बेबसी #मनोज_कुमार_मंजू