याद ही याद में,तेरे एहसास में प्रीत की छांव में, गीत के गांव में तुम सदा मुस्कुराती रही जिंदगी गीत गाती रही.. तुम खड़ी थी जहां, हम मिले थे वहां पेड़ ही पेड़ थे राग जो छेड़ते मुझसे अंखियां चुराती रही जिंदगी गीत गाती रही.. नींद में जब मिली, नींद ही खुल गई याद में धुंधली याद भी धुल गई तुम सदा खिलखिलाती रही जिंदगी गीत गाती रही.. प्यार ही प्यार में, जीत और हार में तरे इज़हार में तेरे इन्कार में तुम सदा ही ड़राती रही जिंदगी गीत गाती रही #सुरेन्द्र_कुमार_शर्मा याद ही याद में,तेरे एहसास में प्रीत की छांव में, गीत के गांव में तुम सदा मुस्कुराती रही जिंदगी गीत गाती रही.. तुम खड़ी थी जहां, हम मिले थे वहां